धान के कटोरे में आपका स्वागत है ....राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग, छत्तीसगढ़
01 नवम्बर, 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य के अस्तित्व में आने के बाद राज्य में चहुंमुखी विकास हुआ है। छोटा राज्य तथा छोटी-छोटी प्रशासनिक इकाईयों की अवधारणा के अनुसार प्रथमतः राज्य में जहाँ रायपुर बस्तर तथा बिलासपुर तीन संभाग थे, वहीं बाद में सरगुजा संभाग तथा हाल ही में दुर्ग संभाग जनवरी, 2014 को अस्तित्व में आया है निःसंदेह बदलाव के इस दौर से राजस्व विभाग भी अछूता नहीं रहा है ।
आज राज्य में 5 संभाग व 33 जिले हैं तथा इसी तरह पूर्व में राज्य में 3-पंचायतों को मिलाकर 1 पटवारी हल्के बनाए गए थे । ग्रामीण जन/ कृषकों की सुविधा तथा समयोचित कार्य निष्पादन की दृष्टि से प्रत्येक 2 ग्राम पंचायत पर एक पटवारी हल्का बनाने का निर्णय लिया जाकर जमीनी स्तर पर राजस्व विभाग की सबसे छोटी इकाई को पहले से ज्यादा सशक्त तथा जनोपयोगी बनाने का कार्य किया गया है। नगरीय क्षेत्रों में कार्यभार की अधिकता को देखते हुए नगर निगम क्षेत्रों में प्रति ग्राम एक पटवारी हल्का तथा 3 पटवारी हल्कों के लिए एक राजस्व निरीक्षक मंडल बनाने का कार्य किया गया है।
छत्तीसगढ़ भारत के नवगठित राज्यों में से एक है। इसकी स्थापना 1 नवम्बर 2000 में हुई है। छत्तीसगढ़ 17°46 से 24º5' उत्तर अक्षांश तथा 80°15 से 84°20" पूर्व देशान्तर के बीच स्थित है। इसकी सीमा देश के 6 राज्यों से लगी है, उत्तर में उत्तर प्रदेश उत्तर-पूर्व में झारखण्ड, पूर्व में उडिसा, पश्चिम में मध्यप्रदेश, दक्षिण पश्चिम में महाराष्ट्र तथा दक्षिण-पूर्व में आन्ध्रप्रदेश स्थित है। भौगोलिक भू-भाग 1:37 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। कर्क रेखा राज्य के ऊपरी चतुष्कोण से गुजरती है । छत्तीसगढ़ भारत के 16 अन्य राज्यों से बड़ा है, जो कि देश के कुल भू-भाग का 4.4 प्रतिशत् है। राज्य के 0.59 लाख वर्ग किलो मीटर भू-भाग में वन है, जो कि कुल क्षेत्रफल का 44 प्रतिशत
है।